भारत शासन अधिनियम | भारतीय संविधान | लूसेंट बुक | bharat shasan act indian constitution | chapter - 4
भारतीय संविधान
लूसेंट बुक
Chapter -4
1919 ईसवी का भारत शासन अधिनियम : ( मांटेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार ) : इस अधिनियम की मुख्य विशेषताएं हैं -
1. केंद्र में द्विसदनात्मक विधायिका की स्थापना की गई - प्रथम राज्य परिषद तथा दूसरी केंद्रीय विधानसभा | राज्य परिषद के सदस्यों की संख्या 60 थी ; जिसमें 34 निर्वाचित होते थे और उनका कार्यकाल 5 वर्षों का होता था | केंद्रीय विधान सभा के सदस्यों की संख्या 144 थी, जिनमें 104 निर्वाचित तथा 40 मनोनीत होते थे | इनका कार्यकाल 3 वर्षों का था | दोनों सदनों के अधिकार समान थे | इनमें सिर्फ एक अंतर था कि बजट पर स्वीकृति प्रदान करने का अधिकार निचले सदन को था |
2. प्रांतों में द्वैध शासन प्रणाली का प्रवर्तन किया गया (प्रांतों में द्वैध शासन के जनक "लियोनस कार्टियस" थे)
3. इस योजना के अनुसार प्रांतीय विषयों को दो वर्गों में विभाजित किया गया - आरक्षित तथा हस्तांतरित या अंतरित |
आरक्षित विषय : वित्त, भूमि कर, अकाल सहायता, न्याय, पुलिस, पेंशन, आपराधिक जातियां, छापाखाना, समाचार पत्र, सिंचाई, जलमार्ग, खान, कारखाना, बिजली, गैस, वॉयलर, श्रमिक कल्याण, औद्योगिक विवाद, मोटर गाड़ियां, छोटे बंदरगाह, और सार्वजनिक सेवाएं आदि |
हस्तांतरित विषय : शिक्षा, पुस्तकालय, संग्रहालय, स्थानीय स्वायत्त, शासन, चिकित्सा सहायता, सार्वजनिक निर्माण विभाग, आबकारी उद्योग, तोल तथा माप, सार्वजनिक मनोरंजन पर नियंत्रण, धार्मिक तथा अग्रहार दान आदि |
नोट : आरक्षित विषयों का प्रशासन गवर्नर और उसकी कार्यकारी परिषद के माध्यम से किया जाना था जबकि हस्तांतरित विषयों का प्रशासन गवर्नर द्वारा विधान परिषद के प्रति उत्तरदाई मंत्रियों की सहायता से किया जाना था | (इस द्वैध शासन प्रणाली को 1935 ईस्वी के एक्ट के द्वारा समाप्त कर दिया गया )
4. भारत सचिव को अधिकार दिया गया कि वह भारत में महालेखा परीक्षक की नियुक्ति कर सकता है |
5. इस अधिनियम ने भारत में एक लोक सेवा आयोग के गठन का प्रावधान किया | 1926 ईस्वी में ली आयोग (1923 - 24) की सिफारिश पर सिविल सेवकों की भर्ती के लिए केंद्रीय लोकसेवा आयोग का गठन किया गया |
6. इस अधिनियम के अनुसार वायसराय की कार्यकारी परिषद में 6 सदस्यों में से (commander-in-chief) को छोड़कर 3 सदस्यों का भारतीय होना आवश्यक था |
7. इसने सांप्रदायिक आधार पर सिख्खो, भारतीय ईसाइयों, आंग्ल भारतीयो और यूरोपीय के लिए भी पृथक निर्वाचन के सिद्धांत को विस्तारित कर दिया |
8. इसमें पहली बार केंद्रीय बजट को राज्यों के बजट से अलग कर दिया गया |
9. इसके अंतर्गत एक वैधानिक आयोग का गठन किया गया जिसका कार्य 10 वर्ष बाद जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करना था |
10. इस अधिनियम में केंद्रीय विधानसभा में वायसराय के अध्यादेश जारी करने की शक्तियों को निम्न रूप में बनाए रखा गया :-
(a) कुछ विषयों से संबंधित विधेयकों को विचारार्थ प्रस्तुत करने के लिए उसकी पूर्व अनुमति आवश्यक थी,
(b) उसे भारतीय विधानसभा द्वारा पारित किसी भी विधेयक को वीटो करने या सम्राट के विचार के लिए आरक्षित करने की शक्ति थी |
(c) उसे यह शक्ति थी कि विधान मंडल द्वारा नामंजूर किए गए या पारित न किए गए किसी विधेयक या अनुदान को प्रमाणित कर दे तो ऐसे प्रमाणित विधेयक विधान मंडल द्वारा पारित विधेयक के समान हो जाते थे,
(d) वह आपात स्थिति में अध्यादेश बना सकता था जिनका अस्थाई अवधि के लिए विधिक प्रभाव होता था |
नोट : मांटेग्यू - चेम्सफोर्ड सुधार (भारत शासन अधिनियम -1919) द्वारा भारत में पहली बार महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला | उस समय इंग्लैंड का प्रधानमंत्री लॉयड जॉर्ज था |
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